21 अक्तू॰ 2013

आम आदमी के सपने !

मेरी समझ में एक बात नहीं आ  रही है।आखिर कांग्रेस की सरकार ने ऐसा क्या कर दिया जो  नरेन्द्र भाई मोदी और उनके फेसबुकिये उसके पीछे ऐसे पड जाते हैं जैसे अब कांग्रेस औरउसकी सरकार को देश से ही बाहर कर देंगे !

सोचकर और दिमाग पर जोर देकर बताइये की पूरी दुनिया में किस सरकार ने आज तक के इतिहास में किसी आम आदमी के सपने को सच करने की दिशा में कभी कोई प्रयास किया?उसके सपने को हकीकत में बदलने  के लिए अपना खज़ाना और महकमा झोंक दिया हो ,नहीं।  हाँ ऐसा जरुर हुआ है सरकारों ने पहले खुद सपने देखे फिर आम आदम को बताया कि  वह उसके लिए सपने देख रही है उसके लिए ही सपने देखना सरकार का एक मात्र काम है और उन सपनो को सच करने के लिएभी खज़ाना खोला  और यह बताने के लिए भी  सपनों के लिए खज़ाना  खोल दिया गया है । 

मेरे अब तक के होश में दुनिया में पहली बार किसी सरकार ने यह काम किया है और वह सरकार है सिर्फ मनमोहन सिंह की आर जिसकी नेता हैं सोनियागांधी और जिसके सी ई ओ हैं राहुल गाँधी । मौजूदा कार्पोरेट पैटर्न की इस सरकार ने वह काम कर दिखया है जो न तो पहले कभी हुआ और शायद भविष्य में हुआ भी तो यही सरकार करेगी क्योंकि बाकि सब तो इस काम को करने पर सरकार की मज़ाक उड़ा चुके हैं तो वही काम कैसे करेंगे?नरेन्द्र भाई मोदी के प्रधानमंत्रित्व में बनने   वाली अगली भाजपा की सरकार तो कतई इस काम को नहीं करने वाली । 

शायद आप समझ गए होंगे कि मैं क्या कह रहा हूँ? सोचिये एक  किसी हैसियत दार आदमी ने तो कोई सपना देखा नहीं था ।एक साधू ने सपना देखा और वह भी देश की गिरती हुई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए ,बाकी सब भाई लोग तो देश को ही पटरी से उतारने पे लगे हैं और मौका लग जाए तो पुरे कुनबे ही देश से ख़ारिज कर डालें । 

एक साधू ने धरम भाव से सपना देखा और आम आदमी से भी निचले स्तर के आदमी के इस सपने को सच करने में सरकार ने कितनी देर लगाईं? रत्ती भर नहीं और सब फेस बुकिये भाई और नरेन्द्र मोदी तक सरकार के बहाने आम आदमी के पीछे पड़ गए? आखिर आम आदमी के सपने को सच करने के लिए कुछ करोड़ का खर्च हो भी जाए तो इसमें बुरा क्या है?न सही नहीं मिलेगा सोना ,मगर एक आदमी का सपना सच करने का प्रयास कितनी बड़ी बात है?

आम आदमी के सपने की कीमत 
आप क्या जानो नरेन्द्र बाबू !
(व्यंग्य)

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